हिंदी हमारी राजभाषा है।राजभाषा होने के नाते सरकारी-गैर सरकारी कार्यालयों में कामकाज के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रयोजनमूलक हिंदी से परिचित करवाना है ताकि वे विभिन्न कार्य क्षेत्रों में जैसे-बैंक, पत्रकारिता, संचार माध्यम, सरकारी कार्यालय और शिक्षण संस्थाओं आदि विभिन्न क्षेत्रों में अपनी योग्यता सिद्ध कर सके।
प्रयोजन मूलक हिन्दी: अवधारणा और विविध क्षेत्र
1. प्रयोजन मूलक हिन्दी -अर्थ व परिभाषा
2. प्रयोजन मूलक हिन्दी की विषेषताएं
3. प्रयोजन मूलक हिन्दी का महत्व
4. प्रयोजन मूलक हिन्दी के विविध रूप
अनुवाद
1. अनुवाद का अर्थ, परिभाषा व प्रकार
2. अनुवाद की प्रक्रिया
3. अनुवादक के गुण
4. अनुवाद-अंग्रेजी से हिन्दी / हिंदी से अंग्रेजी
5. पारिभाषिक शब्दावली
प्रयोजन मूलक हिन्दी: प्रयोग के क्षेत्र
1. संक्षेपण - महत्व, प्रक्रिया, विशेषताए एवं संक्षेपक के गुण
2. पल्लवन - महत्व, प्रक्रिया एवं भाषा
3. प्रतिवेदन (रिपोर्ट)- परिभाषा, प्रारूप, प्रक्रिया, प्रतिवेदन लेखन (राजनीति, प्राकृतिक आपदा)
पत्र लेखन
1. प्रार्थना पत्र
2. आवेदन पत्र
3. सरकारी पत्राचार: सरकारी पत्र, अर्द्धसरकारी पत्र, कार्यालय ज्ञापन, परिपत्र, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, निविदा, प्रेस विज्ञप्ति
प्रयोजनमूल हिन्दी के सृजनात्मक आयाम
प्रयोजनमूल हिन्दी के सृजनात्मक आयाम
1. समाचार लेखन
2. विज्ञापन लेखन- अर्थ, प्रकार व विज्ञापनों में प्रयुक्त हिन्दी
3. अनुच्छेद लेखन (Paragraph Writting)